नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा गुरुवार को बिहारशरीफ पहुंचे। वे उपद्रव के दौरान गोली लगने से मारे गए गए युवक के परिजनों से मिलने पहुंचे थे, जहां उनके काफिले को पुलिस ने बाइपास के 17 नंबर मोड़ पर निषेधाज्ञा का हवाला देकर रोक दिया।इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष को उपद्रव के दौरान गोली लगने से मारे गए गए युवक गुलशन के घर जाने से भी मना कर दिया गया।

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा 11 सदस्यीय दल के साथ गुरुवार को बिहारशरीफ पहुंचे। रोके जाने के बाद यहां के सर्किट हाउस में नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता सद्भावना मार्च निकाल रहे हैं लेकिन उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने से रोका जा रहा है।विजय सिन्हा ने मांग की कि बिहारशरीफ उपद्रव की सिटिंग जज से जांच कराई जाए।

उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि नीतीश कुमार से अपना गृह जिला नहीं संभल रहा है, प्रदेश क्या संभालेंगे। मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।बता दें कि बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुए उपद्रव हुए गुरुवार को छह दिन हो गए हैं। धीरे-धीरे शहर का जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। वहीं, डीएम ने गुरुवार को बिहारशरीफ में इंटरनेट बंदी को लेकर आदेश जारी किया।

आदेश के अनुसार बिहारशरीफ में आठ अप्रैल तक इंटरनेट बंद रहेगा। वहीं, शिक्षण संस्थान आगामी आदेश तक बंद रहेंगे।बीते दो दिनों से बिहारशरीफ में निषेधाज्ञा को शिथिल कर समयबद्ध तरीके से दुकानें खोली जा रही हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में नौ कंपनी पारा मिलिट्री फोर्स गश्त कर रही है।वहीं, मंगलवार और बुधवार को लगातार दो दिन शहर में सद्भावना मार्च निकाले गए।

जिसमें महागठबंधन में शामिल दलों के नेता, दोनों धर्म के प्रबुद्ध जन, शासन और पुलिस के पदाधिकारी शामिल हुए। हालांकि, तीसरे दिन का सद्भावना मार्च रद कर दिया गया।

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