बिहार की राजधानी पटना में भाजपा नेताओं पर विधानसभा मार्च के दौरान हुए लाठीचार्ज को लेकर जो केंद्रीय टीम गठित की गई थी। अब उस टीम ने जांच रिपोर्ट तैयार कर जेपी नड्डा को सौंप दिया है। इस टीम ने भाजपा के तरफ से मनोज तिवारी, रघुवर दास, सुनीता दुजाल सुनीता दुग्गल व विष्णु दयाल राम भी शामिल थे। दरअसल, विधानसभा मार्च के दौरान भाजपा नेताओं के ऊपर राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर जमकर लाठियां चलाई गई थी। जिसमें भाजपा ने कई नेताओं की तरफ से आए होप लगाया गया था कि पुलिस के लाठीचार्ज से उनके पार्टी के एक नेता की मौत हो गई थी। इसी मामले की जांच को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तरफ से चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया। यह टीम पटना आई और उन सभी इलाकों में जाकर मुआयना की जहां भाजपा के कार्यकर्ता विधानसभा मार्च के दौरान उपस्थित थे। इसके साथ ही साथ केंद्रीय टीम मृत भाजपा नेता के आवास पर जाकर भी सभी चीजों की जानकारी इकट्ठा की और अब अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंप दी है।इस रिपोर्ट में बताया गया है कि, भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर पुलिस मैनुअल को दरकिनार कर को कमर के ऊपर लाठीचार्ज किया गया। इसके साथ ही पार्टी के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल समेत ज्यादा चोटिल लोगों के नाम के साथ उनकी हालत की जानकारी देते हुए उनकी आंखों देखी बातों के आधार पर जांच रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि पुलिस पहले ही यह मंशा बनाकर बैठी थी कि उन्हें भाजपा के इस शांतिपूर्ण मार्च के दौरान नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को घेरकर पीटना है। रिपोर्ट में 771 घायलों की सूची भी संलग्न की गई है और यह भी बताया गया है कि लाठीचार्ज के अलावा दर्जनों लोग भगदड़ में गिरकर भी घायल हुए।
ऐसी ही एक भगदड़ में जहानाबाद के जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत हो गई। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में जिला प्रशासन और पुलिस के रवैये को संदिग्ध भी बताया गया है और अमानवीय भी। रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि विजय सिंह की हत्या को सरकारी तंत्र किस तरह स्वाभाविक मौत दिखाने के प्रयास में रही, लेकिन वह उस समय का वीडियो नहीं दिखा सकी, जब विजय सिंह जमीन पर गिरे थे। रिपोर्ट में उनके गीले होने, कपड़े फटे होने और गिरने के बाद मौत होने की बात लिखी गई है।आपको बताते चलें कि, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित चार सदस्यीय तथ्यान्वेषी टीम शनिवार को जांच के लिए पटना पहुंची थी। इस दौरान टीम ने 13 जुलाई को पुलिस कार्रवाई में घायल हुए और अस्पतालों में उपचार करा रहे पार्टी के कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। हालांकि, इस रिपोर्ट के बारे में औपचारिक तौर पर भाजपा की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन यह तय = माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इसपर अनुमोदन करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय को देंगे।