दरभंगा एम्स को लेकर पीएम मोदी के बयान के बाद राजनीति गरमा गई थी. इस पर पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लग रहे थे. वहीं, इस मामले पर सोमवार को सीएम नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हम हर जगह मेडिकल कॉलेज बनवा रहे हैं. एम्स पटना में आया और अब अगला एम्स दरभंगा में हो, यह हमारी इच्छा है. पहले छह मेडिकल कॉलेज थे और अब गिनती बढ़कर 11 हो गई है. हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.दरअसल, पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कह दिया कि दरभंगा में एम्स बन गया है।

इस पर तेजस्वी यादव ने शनिवार को ट्वीट कर लिखा- “आज प्रधानमंत्री जी दरभंगा में AIIMS खुलवाने का झूठा श्रेय ले रहे थे. वस्तुस्थिति ये है कि बिहार सरकार ने निःशुल्क 151 एकड़ जमीन केंद्र को इसकी स्थापना के लिए दिया है और साथ ही 250 करोड़ से अधिक मिट्टी भराई के लिए आवंटित किया, लेकिन दुर्भाग्यवश राजनीति करते हुए केंद्र ने प्रस्तावित एम्स के निर्माण को स्वीकृति नहीं दी. प्रधानमंत्री से देश कम से कम सत्य और तथ्य की अपेक्षा करता है लेकिन उन्होंने सफेद झूठ बोला.”तेजस्वी यादव के ट्वीट के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि मोदी सरकार विकास में राजनीति नहीं करती बल्कि विकास की राजनीति करती है. हमारी नीयत साफ है. एम्स दरभंगा की अनुमति मोदी सरकार ने 19 सितंबर 2020 को दी थी और बिहार सरकार ने 3 नवंबर 2021 को पहली जमीन दी. इसके बाद आप सरकार में आए और राजनीति करते हुए 30 अप्रैल 2023 को यह जगह बदल दी. वहीं, इसके बाद तेजस्वी यादव ने फिर से मनसुख मंडाविया को ट्वीट कर जवाब दिया. दरभंगा एम्स को लेकर नीतीश सरकार और मोदी सरकार आमने-सामने है. इसके बाद से ही दरभंगा एम्स को लेकर बिहार में खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है।

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