संसद के विशेष सत्र के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सत्र भले ही छोटा हो लेकिन बेहद खास है. इस सत्र में कई ऐसे फैसले होंगे जो ऐतिहासिक होंगे और इसीलिए ये ऐतिहासिक फैसलों का सत्र होगा. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास रोने-धोने के लिए बहुत समय है.सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है. उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता और जी 20 के सफल आयोजन के बायद यह सत्र आरंभ हो रहा है, इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है.बता दें कि विशेष सत्र की शुरुआत आज सोमवार (18 सितंबर) से हो चुकी है. इसका पहला दिन पुरानी संसद भवन में होगा और इसके बाद नई संसद भवन में इसको शिफ्ट कर दिया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा, “ये सत्र छोटा है लेकिन महत्त्वपूर्ण है. ऐतिहासिक निर्णयों वाला और 75 साल की यात्रा वाला ये सत्र है. अनेक प्रकार से महत्त्वपूर्ण है ये सत्र. सभी सांसदों से अपील है कि वो उमंग और उत्साह से इस सत्र में भाग लें. रोने धोने के लिए बहुत समय है।

पुरानी बुराइयों को छोड़कर नए संसद में अच्छाइयों के साथ आएं.”गणेश चतुर्थी के दिन मंगलवार को नए संसद में कामकाज होने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नए स्थान पर यात्रा को आगे बढ़ाते समय, नए संकल्प, नई ऊर्जा और नए विश्वास से काम करना है. उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक देश को विकसित बनाना है. इसके लिए जितने भी निर्णय होने वाले हैं, वो सभी इस नए संसद भवन में होंगे.’’ उन्होंने कहा कि उमंग और विश्वास के साथ ‘हम नये सदन में प्रवेश करेंगे.’ उन्होंने कहा कि यह सत्र बहुत मूल्यवान है.इस विशेष सत्र में 8 विधेयकों के पारित होने की उम्मीद की जा रही है जिनमें एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण, समान नागरिक संहिता जैसे बिल शामिल हैं. तो वहीं, पुरानी वाली संसद में सत्र की शुरूआत होगी जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के 75 सालों की यात्रा पर चर्चा की जाएगी. संसदीय यात्रा को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में संकल्प लिया जाएगा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बना दिया जाए।

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