देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचों का निर्माण किया जा रहा है. इनमें से कई का काम पूरा भी हो चुका है. हाल फिलहाल में दिल्ली के प्रगति मैदान में बने ‘भारत मंडपम’ की चर्चा पूरी दुनिया में देखने को मिली है. जहां, जी20 की बैठक हुई थी और अमेरिका समेत दुनिया के टॉप लीडर्स इसमें शामिल हुए थे. इसी तरह से दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) का निर्माण भी किया जा रहा है जिसे ‘यशोभूमि’ नाम दिया गया है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को इसे देश को समर्पित करेंगे. सेंटर के पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. यह सेंटर विश्व स्तर की सुविधाओं से लैस होगा।

‘यशोभूमि’ तैयार होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी. ‘यशोभूमि’ का निर्माण कुल 8.9 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जा रहा है, इसमें 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है.यशोभूमि में एक मेन ऑडिटोरियम के साथ-साथ ग्रैंड बॉलरूम सहित 15 कन्वेंशन रूम और 13 बैठक हॉल शामिल हैं. इसकी क्षमता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि इसमें कुल 11000 प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था है. कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया फेस भी है.कन्वेंशन सेंटर के मेन ऑडिटोरियम में एक साथ 6000 मेहमानों के बैठने की क्षमता है।

ऑडिटोरियम में सीटिंग सिस्टम की व्यवस्था पूरी तरह से ऑटोमेटिक है. इसके फर्श को लकड़ी से तैयार किया गया है और यह पूरी तरह से साउंड प्रूफ भी है जो कि मेहमानों को विश्व स्तरीय सुविधा का अनुभव कराएगा.वहीं, ऑडिटोरियम के छप पर एक ग्रैंड बॉलरूम का निर्माण किया गया है जिसमें एक साथ करीब 2500 मेहमानों के बैठने की व्यवस्था है. इसके साथ-साथ बाकी जगह को खुला रखा गया है जिसमें कम से कम 500 लोग बैठ सकते हैं. आठ मंजिल की इस बिल्डिंग में 13 मीटिंग हॉल बनेंगे जहां पर इंटरनेशनल लेवल की बैठकें हो सकेंगी।

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