बिहार सरकार के नए मंत्री रत्नेश सदा अपना पदभार संभालते हैं एक बहुत बड़ा निर्णय लिया है। अब एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। मंत्री रत्नेश सदा ने अपने सचिव को यह आदेश दिया है कि- आप इस बात की जानकारी निकाल कर दें कि संतोष सुमन के कार्यकाल में इस विभाग में कितना काम हुआ है और कितना काम पेंडिग रखा गया है। इस बात की भी किसी अन्य ने नहीं बल्कि मंत्री के खुद दी है। दरअसल, बिहार में महागठबंधन से बगावत कर अलग हुए जीतन राम मांझी व मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले संतोष सुमन के कामों की जांच अब सरकार करवाने जा रही है।
इस बात की जानकारी राज्य के एससी-एसटी कल्याण विभाग के मंत्री रत्नेश सदा ने दी है। इन्होनें संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद इस विभाग को बतौर मंत्री संभाला है। राज्य के एससी-एसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने कहा है कि- पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और मंत्री रहे उनके बेटे संतोष कुमार सुमन के कामकाज की जांच होगी। मंत्री ने कहा कि इस विभाग में दोनों पिता-पुत्र अरसे से मंत्री रहे हैं। अब हमने दोनों के कामकाज की जांच करने का आदेश अपने सेक्रेटरी को दे दिया है। मंत्री ने कहा कि, जल्द ही इनका सूफड़ा साफ कर देंगे। इन दोनों ने उस समाज के साथ धोखा किया है, जो सदियों से अंधेरे में था। आपको बताते चलें कि, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री बनने के बाद पहली बार गया पहुंचे रत्नेश सदा ने अपने विभाग में पूर्व के वर्षों में मंत्री रह चुके पूर्व सीएम जीतनराम मांझी व उनके बेटे विधान पार्षद सह पूर्व मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन के कामकाज की जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद अगर इस वंचित समाज को कोई देखा, तो वह हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।