जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 ए हटाए जाने के बाद से ही लगातार सकारात्मकता की ओर राज्य आगे बढ़ रहा है। अब कश्मीर की क्यारी में गोलियों की जगह आयुर्वेद की अमृत वर्षा होने वाली है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इसके लिए खास प्लान बनाया है। इसके लिए भारत सरकार श्रीनगर और कश्मीर से आयुर्वेद महापर्व की शुरुआत करने जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से ही इस राष्ट्रीय महापर्व की शुरुआ की जाएगी और यह पूरे देश में चलेगा। राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ शाषी निकाय के अध्यक्ष पद्मविभूषित वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा ने बताया कि वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार के इस गौरवशाली कार्यक्रम की शुरुआत के लिए कश्मीर और श्रीनगर को प्रमुखता दी गई है। यहां से शुरू होकर यह आयुर्वेद महापर्व देश के विभिन्न भागों में चलेगा।

जम्मू-कश्मीर से इस महापर्व को शुरुआत करने का मकसद राज्य के लोगों में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ाना और दुनिया को शांति व सुरक्षा का संदेश देना भी है। जिस जम्मू-कश्मीर में अक्सर आतंकवादियों की गोलियां गूंजती थीं, अब वहीं पर आयुर्वेदाचार्यों की बोलियां गूंजने वाली हैं। आयुष मंत्रालय इसके लिए व्यापक तैयारी कर रहा है। राज्पाल मनोज सिन्हा जम्मू-कश्मीर में इस पूरे कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे हैं। सम्मेलन की शुरुआत श्रीनगर के स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स से होगी। यह आयुर्वेद पर्व 15 से 17 सितंबर तक चलेगा।

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