पुर्वोत्तर राज्य मणिपुर पिछले करीब तीन महीनों से हिंसा का शिकार है. राज्य में 4 मई को हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस दिन भीड़ ने दो लड़कियों को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका वीडियो बनाया. साथ ही पीड़िता के भाई और पिता को भी मौत के घाट उतार दिया. पीड़ित लड़कियों में से एक की मां ने इस घटना के दरिंदों को फांसी देने की मांग की है.कल 21 विपक्षी सांसदों का डेलिगेशन राज्य में हिंसा पीड़ितों से मिला।
इस दौरान सांसदों ने पीड़ित लड़की की मां से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीड़ित लड़की की मां ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि इस घटना के दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. साथ ही महिला ने कहा कि इतने दिन हो गए, कम से कम मुझे मेरे बेटे और पति का शव तो दिखा दो.पीड़ित लड़की की मां ने इस दौरान राज्य सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि मुझे केंद्र सरकार पर तो भरोसा है, लेकिन राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है. उन्होंने साफ कहा कि हम आदिवासी अल्पसंख्यक हैं और अब हम मेइती समुदाय के साथ नहीं रह सकते. राज्य में भी बीजेपी की सरकार है और एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा पर जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन इंडिया के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के जमीनी हकीकत की जानकारी ली. विपक्षी सांसदों ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया और राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों के दर्द को जाना. विपक्षी डेलीगेशन के सदस्यों ने कहा है कि कैंप में रह रहे लोगों का भविष्य अंधकार में है.मणिपुर दौरे के बाद विपक्षी सांसदों ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हालात के बारे में जानकारी दी. विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि हिंसा के दौरान पीड़ितों का सही समय पर इलाज तक नहीं किया गया. राज्य सरकार 70 दिनों तक सोती रही और राज्य में हिंसा बढ़ती रही. ये सभी सांसद आज दोपहर तक दिल्ली लौट आएंगे।