उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षन आज दूसरे दिन ज्ञानवापी परिसर में सर्वे का काम कर रही है. ज्ञानवापी परिवार में ASI के कुल 40 सदस्य मौजूद हैं. 40 सदस्यों को 4 टीमो में बांटा गया है. ASI की एक टीम परिसर के बाहरी हिस्से का सर्वे कर रही है, जबकि एक टीम परिसर के अंदर नमाज के स्थान का सर्वे के काम में जुटी है. वहीं, ASI की एक टीम सीढ़ियों की मदद से गुम्बद के अंदर सर्वे कर रही है, जबकि एक टीम को पश्चिमी दीवार के सर्वे की जिम्मेदारी मिली है.वहीं, हिंदू पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी और सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि आज के सर्वे में परिसर के पश्चिमी दीवार और गुंबद के नीचे के इलाके की मैपिंग की गई है. मस्जिद की चाबी ASI टीम को दिया गया. ऐसी खबरें थी कि परिसर में आकृति मिली है।
हालांकि, दोनों ही वकीलों ने बताया कि किसी भी तरह की धार्मिक आकृति मिलने की खबर बेबुनियाद है. ज्ञानवापी परिसर में दूसरे दिन के सर्वे का काम सुबह के वक्त शुरू हुआ, जो शाम पांच बजे तक जारी रहने वाला है.ज्ञानवापी परिसर में ASI की जितनी भी टीमें सर्वे कर रही हैं, उनकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवाई जा रही है. कुछ मशीनों की मदद से साक्ष्य भी जुटाए जा रहे हैं. टीम ज्ञानवापी के मस्जिद की दीवारों और पिलरों की दूरियां को भी नाप रही है. हर खंड में कितने पिलर मौजूद हैं, उनकी संख्या की गिनती करने का काम भी चल रहा है.ज्ञानवापी परिसर में चारों कोनों पर डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाए गए हैं. इससे सतह का माप किया गया है. डेप्थ माइक्रोमीटर से परिसर के अलग-अलग हिस्सों का माप किया जा रहा है. इसी आधार पर टीम ने परिसर की आकृति पर आंकड़े दर्ज किए. टीम की तरफ से पूरे परिसर की आकृति कागज पर तैयार की गई है. इसके अलावा, परिसर व उसके क्षेत्र की कोडिंग का काम भी हुआ है.वहीं, ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के समय सरकारी वकील राजेश मिश्रा भी मौजूद रहें. शुक्रवार को भी वह मौके पर पूरे दिन मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि शनिवार को परिसर में सर्वे के दौरान मुस्लिम पक्ष भी शामिल रहा. हालांकि, शुक्रवार को जब सर्वे का काम शुरू किया गया, तो उस वक्त मुस्लिम पक्ष शामिल नहीं था. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तौहीद खान ने बताया कि शनिवार को सर्वे के दौरान अधिवक्ता अखलाक और मुमताज सहित मुस्लिम पक्ष के पांच लोग एएसआई टीम के साथ मौजूद हैं।