बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सूबे की सियासत गर्म हो गई है। महागठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस ने अपनी ही सरकार से बड़ी मांग कर दी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री से अपनी कैबिनेट में तीन नए डिप्टी सीएम बनाने की मांग की है। जातीय गणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए कांग्रेस ने यह मांग उठाई है।दरअसल, सोमवार को नीतीश सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दिया। जातीय गणना के आंकड़े सामने आने के बाद संख्या से हिसाब से सत्ता में हिस्सेदारी की मांग उठने लगी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने जातियों की संख्या का हवाला देते हुए कहा है कि नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट में तुरंत एक-एक मुस्लिम, अति पिछड़ा और अनुसूचित जाति के नेता को डिप्टी सीएम बनाएं।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स उन्होंने लिखा है कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे एवं परोपकार अपने घर से ही शुरू होता है की कहावत को चरितार्थ करना चाहिए।

इसके लिए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में एक-एक मुस्लिम,अतिपिछड़ा एवं अनुसूचित जाति के नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए।इसके साथ ही अनिल शर्मा ने जाति गणना रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सवर्ण जातियों के आंकड़ों में हेराफेरी के गंभीर आरोप भी लगाए है। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार द्वारा जाति जनगणना करना हमेशा एक स्वागत योग्य कदम है लेकिन सत्ताधारी दलों को जाति गणना की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहिए। नीतीश सरकार की गणना रिपोर्ट में हेराफेरी की गई प्रतीत होती है।बता दें कि जातीय गणना रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में यादवों की संख्या 14 फीसदी से अधिक है। यादव जाति से डिप्टी सीएम तेजस्वी डिप्टी सीएम हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से अति पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 36 फीसदी है। वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 19.65 फीसदी और मुसलमानों की 17 फीसदी हैं। इन्हीं आंकड़ों का हवाला देकर कांग्रे के पूर्व अध्यक्ष ने तीन नए डिप्टी सीएम बनाने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है।

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