रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां लगभग पूरी हैं. वैसे तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेशी मेहमानों के आने से यह अयोजन भव्य होगा ही, लेकिन अब इसे और खास बनाने की कोशिश शुरू है. भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को और खास बनाने के लिए विदेशी धरती पर जन्मे और उसी संस्कृति में पले-बढ़े 14 से अधिक देशों के कलाकार श्रीरामलीला का मंचन कर भारतीय संस्कृति को पुष्ट करेंगे. 17 से 22 जनवरी 2024 के बीच होने वाले इस मंचन से श्रीरामलला का अभिनन्दन भी होगा.रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर श्रीरामलीला मंचन का आयोजन होगा. 14 से अधिक देशों के कई दर्जन विदेशी कलाकार इसके भागी बनेंगे।

भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग बनते हुए इसे पुष्टता प्रदान करेंगे. अयोध्या के रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुभाष मालिक और महासचिव शुभम मालिक के मुताबिक जिन देशों के कलाकार श्रीरामलीला मंचन में हिस्सा लेंगे, उनमें रूस, मलेशिया, अमेरिका, लंदन, दुबई, इजरायल, अफगानिस्तान, जापान, चीन, जर्मनी, थाईलैंड, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान के कलाकार शामिल हैं. हालांकि इनकी कलाकारी में इनके देशों की सांस्कृतिक झलक दृष्टव्य होगी. उन्होंने बताया कि विदेशी धरती से आये कलाकारों के ठहरने का इंतजाम लखनऊ में होगा. सुभाष मालिक और शुभम मालिक ने संयुक्त रूप से बताया कि यह बहुत ही खुशी की बात है कि इन 14 देशों के कलाकार इस बार अयोध्या की रामलीला में काम करेंगे. ऐसा पहली बार होने जा रहा है. किसी भी श्रीरामलीला में इतने विदेशी कलाकार अभिनय करेंगे. अयोध्या की रामलीला के फाउंडर अध्यक्ष सुभाष मालिक (बॉबी), महासचिव शुभम मालिक की अगुवाई में पदाधिकारियों का एक दल संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह से मुलाकात कर चुका है. उनको अयोध्या की श्रीरामलीला की तैयारियों के बारे में बताया और उन्हें इसमें शामिल होने का न्योता भी दिया है. मंत्री ने किसी एक दिन इस श्रीरामलीला मंचन को देखने की हामी भी भर दी हैं.बता दें कि अयोध्या की श्रीरामलीला, विश्व की सबसे बड़ी श्रीरामलीला है. इस श्रीरामलीला के मंचन को वर्ष 2023 में 32 करोड़ लोग, दुनिया के कोने-कोने से देख चुके हैं. ज्ञातव्य हो कि इस विश्व प्रसिद्ध श्रीरामलीला का उद्भव, कॉरोना काल 2020 में हुआ था. तबसे हर वर्ष अयोध्या में श्रीरामलीला होती आई है।

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