बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र इस बार जुलाई के अंतिम सप्ताह में नहीं बल्कि पहले पखवाड़े में ही चलने वाला है। इसको लेकर राज्यपाल के तरफ से मंजूरी दे दी गई है। इस बार का मानसून सत्र 5 दिनों का होने वाला है। इससे पहले सको लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों के सचिवालय ने अपने अध्यक्ष और सभापति से सहमति प्रदान कर ली गई थी। दरअसल, बिहार विधानमंडल मानसून सत्र की शुरुआत 10 जुलाई से होने वाली है। यह बैठक 14 जुलाई तक चलेगी। इसमें पांच बैठक होगी। इस दिन सबसे पहले सदन के नए शपथ या प्रतिज्ञान ग्रहण किया जाएगा। बिहार विधान मंडल के सत्र में नहीं रहने की अवधि में महामहिम राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियाँ का सदन पटल पर रखा जाना (यदि हो)। वित्तीय वर्ष 2023 2024 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी का उपस्थापन किया जाएगा। उसके बाद शोक प्रकाश के साथ पहले दिन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी।
इसके बाद अगले दो दिनों तक राजकीय विधेयक एवं अन्य राजकीय कार्य पर चर्चा की जाएगी। इसके अगले दिन वित्तीय वर्ष 2023 2024 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद-विवाद, मतदान एवं तत्संबंधी विनियोग विधेयक पर चर्चा होगी। इसके बाद अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य लिए जाएंगे।वहीं, इस बार का मानसून सत्र कादी हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है तो सत्ता पक्ष भी अपनी बातों को मुखरता से रखेगी। यह पहला मौका है जब मानसून सत्र जुलाई के दूसरे सप्ताह में बुलाई गई है। आम तौर पर मानसून सत्र जून के अंतिम सप्ताह या फिर जुलाई के पहले सप्ताह में बुलाई जाती रही है।वहीं, विपक्षी एकता की 23 जून की महत्वपूर्ण बैठक और जीतन राम मांझी के सरकार से अलग होने के बाद विधानमंडल का यह पहला सत्र होगा। मॉनसून सत्र को लेकर शुरू से ही यह परंपरा चली आ रही है कि यह सत्र छोटा होता है। इससे पहले 2022 में मॉनसून सत्र अवधि 64 दिनों की थी पर 24-30 जून के बीच बैठक 7 दिन ही हुई। बैठक तो नहीं हुई पर सत्र को भी अनिश्चितकालीन स्थगित नहीं किया गया था। यह बैठक शुरू होने से पहले जदयू-भाजपा की एनडीए सरकार थी। लेकिन 9 अगस्त को नई सरकार बनी तो फिर 24 अगस्त से 26 अगस्त तक उसी सत्र को बढ़ा दिया गया। इस कारण मॉनसून सत्रावधि 64 दिनों की हो गई। इधर, मॉनसून सत्र में बारिश के कारण विधानमंडल परिसर में भारी जलजमाव हो जाता है। परिसर को जलजमाव से बचाने के लिए ड्रेनेज का निर्माण तेजी से चल रहा है। इससे पहले 2021 में भी विधानमंडल का मानसून सत्र 5 दिनों का तय किया गया था। इसमें भी पांच बैठक हुई थी। इससे पहले 2015 से लेकर 2017 तक जेडीयू और राजद ने साथ मिलकर सत्ता पक्ष के तरफ बैठकर सत्र में भाग लिया था।