कोलकाता में डॉक्टर संग हुए रेप और मर्डर मामले पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने बयान में कहा कि वह इस घटना से निराश और भयभीत हैं। उन्होंने इसपर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अब बस बहुत हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वह महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों के कारण व्यथित है। राष्ट्रपति के बयान पर अब तृणमूल कांग्रेस की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। दरअसल टीएमसी नेता कुणाल घोष ने इसे लेकर बयान जारी किया है। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि समाज को ईमानदार, पूर्वाग्रहरहित आत्मावलोकन की जरूरत है और खुद से कुछ कड़े सवाल पूछने की जरूरत है। कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की अनुमति नहीं दे सकता है।इसे लेकर कुणाल घोष ने कहा, “आरजी कर अस्पताल को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बयान आया। उन्होंने उसे लेकर चिंता व्यक्त किया। आरजीकर मामले पर हमारा कहना है कि हम सब, हमारी पार्टी सब न्याय के पक्ष में है और आरोपी को मौत की सजा होनी चाहिए। लेकिन राष्ट्रपति अभी क्यों बोल रही हैं। उन्नाव, हाथरस, महाराष्ट्र, बदलापुर, उत्तराखंड में ये सब हुआ तब वो कहां थीं। गोल्ड मेडलिस्ट साक्षी मलिक का आरोप भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुआ था, तब आप कहां थीं। लेकिन अब बंगाल में हुआ तो यह सोशल क्राइम है। लेकिन भाजपा नीत राज्यों में हुआ तब आप कहां थीं। हम आपका सम्मान करते हैं। ऐसा मत कीजिए।”भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर भी टिप्पणी की है। राष्ट्रपति ने कहा है कि जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उस समय भी अपराधी अन्यत्र शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि निंदनीय मानसिकता महिलाओं को कमतर इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखती है। उन्होंने कहा कि निर्भया केस के बाद से 12 वर्षों में, समाज द्वारा अनगिनत बलात्कारों को भुला दिया गया है। यह भूलने की बीमारी घृणित है। राष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज सामूहिक भूलने की बीमारी का सहारा लेते हैं; अब समय आ गया है कि भारत इतिहास का सामना करे। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस विकृति से व्यापक तरीके से निपटना चाहिए ताकि इसे शुरू में ही रोका जा सके।

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