कई हिस्सों में विशेष तौर पर मध्य व पश्चिमी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश और बाढ़ से हालात बिगड़ गए हैं। गुजरात में दो दिनों से हो रही बारिश से अहमदाबाद समेत कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है। वहीं, मौसम विभाग ने गुजरात के साथ ही मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा और महाराष्ट्र में अगले दो से तीन दिन भारी वर्षा और आकस्मिक बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।मोरबी में नदी के बाढ़ वाले रास्ते को पार करते हुए एक ट्रैक्टर ट्रॉली बह गई, जिसमें 10 लोगों को बचा लिया गया है, पर अभी सात लोग लापता हैं। वहीं, जम्मू कश्मीर के रामबन में बादल फटने से नाले में अचानक आई बाढ़ में महिला और उसके दो बच्चे बह गए।गुजरात में बाढ़ से कई जिलों की बड़ी आबादी प्रभावित है। राज्य में वर्षा जनित हादसों में तीन लोगों की मौत हुई है। मोरबी जिले में 17 लोगों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली रविवार रात पानी के तेज बहाव में बह गई। लापता सात लोगों की तलाश में एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई हैं। नवसारी के खेरगाम तालुका में 24 घंटे में सर्वाधिक 356 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। जलस्तर बढ़ने से सरदार सरोवर बांध के 30 में से 23 गेट खोलने पड़े हैं। 3.95 लाख क्यूसेक पानी नर्मदा नदी में छोड़ा गया है। बाढ़ के खतरे के मद्देनजर भरूच के निचले इलाकों से 280 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। राज्य में अब तक बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। राज्य में प्राइमरी स्कूलों की छुट्टी कर दी गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात कर केंद्र की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया।त्रिपुरा में बाढ़ से गंभीर हालात हैं। राज्य सरकार ने केंद्र से मदद की अपील की है। अगले दो दिन भारी बारिश की संभावना है, ऐसे में स्थिति बिगड़ सकती है। गोमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राज्य में 70,000 लोग 471 राहत शिविरों में रह रहे हैं।गौरीकुंड के रास्ते केदारनाथ पैदल मार्ग को 26 दिन बाद सोमवार को यातायात के लिए खोल दिया गया। 19 किमी लंबा मार्ग 31 जुलाई को भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त हो गया था। मार्ग बंद होने से 11,000 श्रद्धालु रास्ते में फंस गए थे, जिन्हें धीरे-धीरे सुरक्षित निकाला गया।दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को रुक-रुक कर बारिश होती रही। इससे लोगों को गरमी से राहत मिली। साथ ही, मौसम भी सुहावना हो गया। हालांकि कुछ स्थानों पर सड़कों पर जलभराव से राहगीरों को जरूर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वहीं, हिमाचल में बारिश व भूस्खलन के चलते 41 सड़कें बंद हैं।