लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर लोगों और विभिन्न धार्मिक संगठनों से विचार मांगे हैं. इसी बीच इसको लेकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम यूनिफॉर्म सिविल कोड का समर्थन करते हैं, लेकिन इससे सबको परेशानी होगी. उद्धव ठाकरे ने कहा, ”जो भी यूसीसी ला रहे हैं उन्हें ये नहीं सोचना चाहिए है कि इससे केवल मुसलमानों को परेशानी होगी बल्कि इससे हिंदुओं को भी दिक्कत होगी।

साथ ही कई सवाल उठेंगे. गोवध पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक बैन लगाना होगा. गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर्रिकर खुद कहते थे कि राज्य में गाय की कमी है तो हमें इसका आयात करना पड़ेगा.”समान नागरिक संहिता को कांग्रेस और टीएमसी सहित कई विपक्षी दलों ने इसे चुनाव से जोड़ा है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रही है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा का मोदी सरकार ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे को वैधानिक रूप देना चाहती है.वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू का कहना है कि यूसीसी के मुद्दे पर सभी पक्षों को विश्वास में लिया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी कहा कि केंद्र सरकार हताशा के कारण विभाजनकारी राजनीति को हवा दे रही है. पार्टी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया था कि सरकार महंगाई पर काबू पाने और रोजगार देने के वादे में विफल रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी 2024 से पहले विभाजनकारी नीति की आग को भड़काने की कोशिश कर रही है।

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