मध्य प्रदेश में बीजेपी ने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है. वहीं राजस्थान में बीजेपी ने अभी तक उम्मीदवारों की लिस्ट जारी नहीं की है. इसको लेकर सभी के मन में ये सवाल है कि आखिर राजस्थान में टिकट बंटवारें में इतनी देरी क्यों हो रही है. पिछले दिनों सियासी गलियों में खबरें थी कि सीएम राजे चुनाव में अपनी भूमिका तय नहीं होने के लेकर कथित तौर पर नाराज हैं. वहीं इन्हीं खबरों के बीच वसुंधरा राजे की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात हुई है. साथ ही बीजेपी महासचिव बीएल संतोष से भी राजे मिली हैं. इस मुलाकात के बाद प्रदेश की सियासी गलियारें में कई तरह की चर्चाएं हैं.सूत्रों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी राजस्थान चुनाव में वसुंधरा राजे सिंधिया को कोई बड़ी भूमिका दे सकती है. इसके बाद कयास ये भी हैं कि पार्टी उन्हें कथित तौर पर संतुष्ट करने के लिए कोई अहम रोल दे सकती है. अब सवाल ये है कि ये भूमिका क्या हो सकती है. टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रचार तक कोई भी बड़ी जिम्मेदारी उन्हें दी जा सकती है।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के राजस्थान नेतृत्व के साथ आगामी विधानसभा चुनावों पर बुधवार को चर्चा की. इस तरह की अटकलें हैं कि दो केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है.बैठक शुरू हुई जिसमें विधानसभा क्षेत्रों व चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई. हाल ही में संपन्न हुई चार परिवर्तन यात्राओं पर भी फीडबैक लिया गया. सूत्रों ने बताया कि बैठक में केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी, सह प्रभारी नितिन पटेल, राजस्थान के लिए पार्टी के प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, कैलाश चौधरी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और अन्य नेता मौजूद थे. बैठक करीब तीन घंटे तक चली।

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