आप के सांसद राघव चड्ढा को आज राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने इस बारे में घोषणा करते हुए कहा कि मैं राघव चड्ढा को परिषद की सेवा से तब तक निलंबित करता हूं जब तक परिषद को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट नहीं मिल जाती.राघव चड्ढा को नियमों के उल्लंघन, अवमाननापूर्ण आचरण, विशेषाधिकार समिति की लंबित रिपोर्ट के लिए राज्यसभा से निलंबित किया गया है. इस मामले पर आम आदमी पार्टी का भी बयान सामने आया है. आप ने कहा कि राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने विशेषाधिकार समिति की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने तक राघव चड्ढा को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया है. पार्टी ने कहा कि उक्त निलंबन कल राघव की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कथित उल्लंघन मामले में अपना बचाव करने के कारण किया गया है. पीयूष गोयल के निलंबन प्रस्ताव या विशेषाधिकार समिति की ओर से दिए गए नोटिस में कहीं भी जालसाजी या नकली, हस्ताक्षर, फर्जीवाड़ा आदि शब्दों का उल्लेख नहीं है. इसमें इस आशय का दूर-दूर तक कोई आरोप नहीं है।

आप ने कहा कि सदन के नेता ने 10 अगस्त 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंश का भी जिक्र किया. चूंकि इसमें किसी जालसाजी या फर्जी हस्ताक्षर का जिक्र नहीं किया गया है. मीडिया से अनुरोध है कि वे इसका उपयोग करने से बचें अन्यथा हम कानून के अनुसार कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे. इससे पहले गुरुवार को राघव चड्ढा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है क्योंकि उन्होंने बीजेपी के दोहरे मानक को उजागर कर दिया. आप सांसद ने कहा कि एक सांसद किसी अन्य सदस्य के नाम को उनकी लिखित सहमति या हस्ताक्षर के बिना प्रवर समिति के लिए प्रस्तावित कर सकता है. राज्यसभा के चार सांसदों ने राघव चड्ढा पर नियमों का उल्लंघन कर उनकी सहमति के बिना प्रवर समिति के गठन के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने का आरोप लगाया था. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन सांसदों की शिकायतों का संदर्भ देते हुए मामले की जांच के लिए इसे विशेषाधिकार समिति को भेज दिया था।

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