देश भर में विपक्षी पार्टियों को एक करने चले नीतीश कुमार के घर में ही आग लगती दिख रही है. महागठबंधन में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बार फिर पलटी मारने के संकेत दिये हैं. मांझी ने कहा है कि उनके लिए फैसले की घड़ी आ गयी है. जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा कि वह महागठबंधन में बहुत दवाब झेल रहे हैं।जीतन राम मांझी ने आज अपनी पार्टी हम के नेताओं की बैठक बुलायी थी. बैठक में मांझी ने कहा –“महागठबंधन में हम पर बहुत दवाब है. सभी कह रहे हैं कि हमारे साथ आइये. स्पष्टता हमारी कमजोरी रही है।

आप सब लोगों ने देखा होगा कि नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में चिल्ला-चिल्ला कर कहा था कि मांझी जी कहीं नहीं जाइये. यहीं रहिये. हमही सब कुछ देंगे. हमही आपको सब कुछ बनायेंगे. लेकिन क्या हुआ।जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी के नेताओं को कहा-“ हम लोगों को निर्णय लेना होगा. निर्णय की घडी आ चुकी है. क्या करना है, इस पर हम पार्टी की कोर कमेटी में चर्चा करेंगे. वैसे, कुछ लोग चाहते हैं कि हमारी पार्टी का विलय हो जाये लेकिन हमारे कार्यकर्ता नहीं चाहते कि किसी दूसरे दल में विलय हो।

जीतन राम मांझी ने इशारों में काफी बातें कह दी. उन्होंने कहा वे सरकार के गलत फैसलों के खिलाफ आंदोलन करने को तैयार हैं. जब राजस्थान में सचिन पायलट अशोक गहलोत के खिलाफ अनशन कर सकता है तो जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के खिलाफ अनशन क्यों नहीं कर सकता. बिहार सरकार अगर कोई गलत फैसला ले रही है तो जीतन राम मांझी उसके खिलाफ आवाज उठायेंगे।

बता दें कि 6 दिन पहले जीतन राम मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उसके बाद से ही मांझी के पाला बदलने की चर्चा आम है. हालांकि मांझी ने कहा था कि वे दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग को लेकर अमित शाह से मिलने गये थे. मांझी ने कहा था कि वे कसम खा चुके हैं कि नीतीश कुमार का साथ नहीं छोडेंगे. लेकिन 6 दिन बाद ही अपनी पार्टी की बैठक में मांझी ने अलग राग छेड़ दिया है. जाहिर है देश भर में विपक्षी एकता कायम करने निकले नीतीश के घर में सेंध लगती दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *