बिहार में जबसे शिक्षा विभाग का जिम्मा के के पाठक जैसे आईएएस ऑफिसर के हाथों में दिया है तबसे इसमें सुधार को लेकर हर रोज कोई न कोई नया फरमान जारी किया जा रहा है। इतना ही नहीं इन फरमानों को नहीं मानने वाले स्टाफ और पदाधिकारी पर क्विक एक्शन भी लिया जा रहा है। जिसके बाद शिक्षा विभाग में एक बात आम हो चली है कि एक्शन में पाठक टेंशन में स्टाफ और पदाधिकारी। इसी कड़ी में अब पाठक ने एक और नया फरमान जारी किया है। इसके मुताबिक़ बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) और बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड में तीन साल या इससे भी अधिक समय से कार्यरत जो पदाधिकारी और कर्मी हैं, उनको जिलों में भेजा जाएगा।

दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक और निगम के प्रबंधन निदेशक को निर्देश जारी किया है। साथ ही यह भी कहा है कि क्षेत्रीय स्तर पर गैर तकनीकी सेवा के जो कर्मी हैं, उनकी भी बदली की जाए, जो एक ही जिले में तीन वर्ष अथवा इससे अधिक समय से पदस्थापित हैं।के के पाठक के तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि, बीईपी द्वारा क्षेत्रीय स्तर पर पदस्थापित सभी सहायक और कनीय अभियंताओं का स्थनांतरण किया गया है। इसी क्रम में बीईपी क्षेत्रीय स्तर पर गैर तकनीकी सेवा के जो कर्मी हैं (विशेषकर लेखा, कार्यक्रम और एमआईएस संवर्क के) उनकी भी बदली कर दी जाए। इधर, केके पाठक ने यह भी कहा है कि जो भी पदाधिकारी-कर्मी तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थापित हैं, उन्हें जिलों में भेजा जाए तथा जिलों से पदाधिकारी-कर्मी मंगाए जाएं। उन्होंने यह भी साफ किया है कि इसी तर्ज पर बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा मुख्यालय एवं क्षेत्रीय के अभियंताओं-कर्मियों के लिए किया जाए।

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